8वां वेतन आयोग गठन में देरी, कर्मचारियों को करना पड़ सकता है और इंतजार
केंद्रीय मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिलने के बावजूद, लंबे समय से प्रतीक्षित 8वां केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission – CPC), जो 1.2 करोड़ से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में संशोधन तय करेगा, अभी तक औपचारिक रूप से गठित नहीं हो सका है।
ABP Live की रिपोर्ट के अनुसार, इस देरी से कर्मचारियों में निराशा बढ़ रही है।
कार्यान्वयन में देरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी।
हालांकि, सरकार ने अब तक आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की घोषणा नहीं की है।
इसके अलावा, आयोग के कार्यक्षेत्र और दिशा-निर्देश तय करने वाले Terms of Reference (ToR) भी जारी नहीं किए गए हैं।
ToR के बिना आयोग अपना कार्य शुरू नहीं कर सकता, जिससे यह स्पष्ट है कि निकट भविष्य में वेतन संशोधन की संभावना कम है।
पिछले वेतन आयोगों से तुलना
संदर्भ के लिए, 7वां वेतन आयोग सितंबर 2013 में घोषित किया गया था और उसके अध्यक्ष व ToR फरवरी 2014 तक अधिसूचित कर दिए गए थे।
इसके मुकाबले, 8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया काफी पीछे चल रही है।
कब तक मिल सकता है वेतनवृद्धि का लाभ?
पिछले अनुभवों के अनुसार, हर वेतन आयोग को गठन से लेकर लागू होने तक लगभग दो से तीन वर्ष का समय लगता है।
यदि 8वां वेतन आयोग 2026 की शुरुआत तक कार्य आरंभ करता है, तो इसकी अंतिम रिपोर्ट 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत तक आने की संभावना है।
इस स्थिति में, संशोधित वेतन और पेंशन मध्य 2027 या 2028 की शुरुआत तक लागू हो सकते हैं।
उदाहरण के लिए, 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में गठित हुआ, नवंबर 2015 में रिपोर्ट सौंपी और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गईं — यानी लगभग तीन वर्ष का समय लगा।
किसे होगा लाभ?
एक बार गठित होने के बाद, 8वां वेतन आयोग लगभग
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50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों
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और 65 लाख पेंशनभोगियों,
जिनमें रक्षा बलों के कर्मचारी और पेंशनर भी शामिल हैं, को लाभ पहुंचाएगा।
आयोग महंगाई और अन्य आर्थिक संकेतकों के आधार पर महंगाई भत्ता (DA) में भी पुनर्गणना करेगा।
संभावित प्रभावी तिथि
पिछले आयोगों की तरह, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें भी 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होने की उम्मीद है — यही तिथि पहले केंद्र सरकार ने घोषित की थी।
हालांकि, ToR और अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी के कारण ऐसा लगता है कि कर्मचारियों को अपने अगले वेतन संशोधन के लिए और प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।

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