एनपीएस नियमों में बड़ा बदलाव: नौकरीपेशा लोगों को मिलेगी बड़ी राहत
पेंशन फंड रेगुलेटर पीएफ़आरडीए (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के नियमों में कई अहम बदलाव किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य एनपीएस को अधिक लचीला, लाभकारी और सब्सक्राइबर्स के अनुकूल बनाना है।
पीएफ़आरडीए का दावा है कि नए नियमों से सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय ज्यादा कैश और बेहतर विकल्प मिलेंगे।
🔹 ये बदलाव क्यों अहम हैं?
अब तक एनपीएस को लेकर सबसे बड़ी शिकायत यह थी कि रिटायरमेंट पर ज्यादा पैसा एन्युटी (पेंशन प्लान) में लगाना अनिवार्य था। नए नियमों में इसे काफी हद तक आसान कर दिया गया है।
🔟 नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में हुए 10 बड़े बदलाव
1️⃣ एज लिमिट बढ़ी
अब कोई भी एनपीएस सब्सक्राइबर 85 साल की उम्र तक एनपीएस में बना रह सकता है।
➡️ पहले यह सीमा 75 साल थी।
2️⃣ एन्युटी में निवेश की शर्त नरम
अब पेंशन के लिए सिर्फ 20% राशि एन्युटी में लगाना अनिवार्य होगा।
➡️ पहले यदि फंड 5 लाख रुपये से अधिक होता था तो 40% एन्युटी अनिवार्य थी।
📌 इससे रिटायरमेंट पर सब्सक्राइबर्स के हाथ में ज्यादा नकद पैसा आएगा।
3️⃣ 100% पैसा निकालने की सुविधा
अगर सरकारी या निजी कर्मचारी का कुल एनपीएस फंड 8 लाख रुपये या उससे कम है, तो वह पूरा 100% पैसा एकमुश्त निकाल सकता है।
➡️ यदि पूरा पैसा नहीं निकालना चाहते:
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सरकारी कर्मचारी: 40% एन्युटी का विकल्प
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प्राइवेट कर्मचारी: न्यूनतम 20% एन्युटी अनिवार्य
4️⃣ किस्तों में पैसा निकालने का नया तरीका (SUR)
पीएफ़आरडीए ने Systematic Unit Redemption (SUR) नाम से नया विकल्प पेश किया है।
🔹 यह बिल्कुल म्यूचुअल फंड के SIP/SWP जैसा है।
🔹 यह सुविधा उन सब्सक्राइबर्स के लिए है जिनका फंड 8 से 12 लाख रुपये के बीच है।
➡️ ऐसे सब्सक्राइबर्स:
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6 लाख रुपये तक एकमुश्त निकाल सकते हैं
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बाकी राशि कम से कम 6 साल तक किस्तों में ले सकते हैं
5️⃣ 8–12 लाख फंड वालों के लिए ज्यादा विकल्प
सरकारी कर्मचारियों को तीन विकल्प मिलेंगे:
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6 लाख नकद + बाकी SUR के ज़रिए
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6 लाख नकद + बाकी से पेंशन प्लान
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60% टैक्स-फ्री कैश + 40% एन्युटी
प्राइवेट कर्मचारियों को राहत:
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वे 80% तक कैश निकाल सकते हैं
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सिर्फ 20% एन्युटी जरूरी
6️⃣ रिटायरमेंट से पहले ज्यादा बार निकासी
अब एनपीएस सब्सक्राइबर 4 बार तक आंशिक निकासी कर सकते हैं।
➡️ पहले यह सीमा 3 बार थी।
📌 शर्त:
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दो निकासी के बीच कम से कम 4 साल का अंतर होना चाहिए।
7️⃣ 60 साल के बाद भी निकासी संभव
जो लोग 60 साल या रिटायरमेंट के बाद भी एनपीएस में बने रहते हैं, वे भी पैसा निकाल सकते हैं।
➡️ शर्तें:
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दो निकासी के बीच 3 साल का गैप
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अपने योगदान का अधिकतम 25% तक ही निकाल सकते हैं
8️⃣ नागरिकता छोड़ने पर पूरा पैसा मिलेगा
अगर कोई एनपीएस सब्सक्राइबर भारत की नागरिकता छोड़ देता है, तो वह पूरा जमा फंड एकमुश्त निकाल सकता है।
9️⃣ लापता या मृत मानने की स्थिति में राहत
अगर कोई सब्सक्राइबर लापता हो जाता है या मृत मान लिया जाता है, तो:
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नॉमिनी/कानूनी वारिस को तुरंत 20% राशि दी जाएगी
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बाकी 80% पैसा निवेश में रहेगा
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कानूनन मृत्यु घोषित होने पर पूरी राशि रिलीज होगी
🔟 एनपीएस अकाउंट की नई पहचान
अब PRAN (Permanent Retirement Account) की जगह
➡️ Individual Pension Account (IPA) शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा।
📌 इससे एनपीएस की पहचान और उद्देश्य को और स्पष्ट किया गया है।
✍️ निष्कर्ष
पीएफ़आरडीए के ये बदलाव एनपीएस को ज्यादा फ्लेक्सिबल, व्यावहारिक और सब्सक्राइबर-फ्रेंडली बनाते हैं।
खासतौर पर रिटायरमेंट के समय ज्यादा कैश, कम मजबूरी और ज्यादा विकल्प अब उपलब्ध होंगे।

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